Aviation सेक्टर में career कैसे बनाएं ?
विज्ञान और तकनीक के तीव्र विकास के जादू ने इंसान के आकाश में उड़ने के सपने को अब हकीकत में बदल दिया है। नागरिक उड्डयन ( सिविल एविएशन) में प्रवेश करके आप भी आकाश में उड़ने के अपने सपने को एक लम्बी उड़ान दे सकते हैं।देश में अभी अनेक इंटरनेशनल एयरलाइन्स हैं जो 40 से भी अधिक देशों को जोड़ती हैं। वर्तमान में भारत दुनिया का नौंवा सबसे बड़ा सिविल एविएशन मार्कीट है।
ग्लोबलाइजेशन के बाद से ही भारत में सिविल एविएशन के क्षेत्र में रोजगार के अवसरों में वृद्धि हो रही है। यही कारण है कि आने वालों वर्षों में इसके कई सैगमैंट्स में विभिन्न प्रकार के प्रोफेशनल्स के डिमांड में बड़ी तेजी से वृद्धि की संभावना से कतई इंकार नहीं किया जा सकता है। एविएशन का क्षेत्र मल्टीडिसिप्लिनरी का है जिसमें स्टूडैंट्स को कई विषयों में स्पैशलाइजेशन और डिग्री के साथ विभिन्न प्रकार के रोजगार के अवसर उपलब्ध होते हैं। यह एक ऐसा सैक्टर है जिसके अंतर्गत इंजीनियरिंग के कई ब्रांच उदाहरण के लिए एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के साथ-साथ मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलैक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, मैटीरियल्स इंजीनियरिंग, कम्प्यूटर साइंस, सिविल इंजीनियरिंग,इलैक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग और कई अन्य स्ट्रीम्स में स्पैशलाइजेशन के साथ जॉब्स उपलब्ध हैं। इस सैक्टर में साइंस, ह्यूमैनिटी और कॉमर्स ग्रैजुएट्स के लिए भी जॉब्स की अपार संभावनाएं हैं।
सिविल एविएशन के सैक्टर में कुछ महत्वपूर्ण जॉब्स निम्नहैं- पायलट, फ्लाइट इंजीनियर, फ्लाइट अटैंडैंट, एयरक्राफ्ट इंजीनियर,एयरक्रापर मैंटनैंस इंजीनियर, क्वालिटी कंट्रोल मैनेजर , कार्गो ऑफिसर , ग्राउंड स्टाफ, ट्रेनिंग इंस्पैक्टर, इन-फ्लाइट मैनेजर, एयर ट्रैफिक कंट्रोलर, को-पायलट, एयर कार्गो पायलट, कैबिन क्रू, कैबिन सर्विस इंस्ट्रक्टर, मैंटेनैंस कंट्रोलर, कैबिन सेफ्टी इंस्ट्रक्टर और इन-फ्लाइट बेस मैनेजर।
12 वी के बाद एविएशन सैक्टर में जॉब ओरिएंटेड कोर्सेज
एयरपोट मैनेजमैंट में बी.बी.ए. यह तीन वर्षीय कोर्स है। यह कोर्स एयरपोर्ट के संचालन और एडमिनिस्ट्रेशन से रिलेटेड होता है। इसके लिए न्यूनतम योग्यता बारहवीं पास है। ये अंक प्राय: 50 % से कम नहीं होने चाहिएं।कोर्स कम्पलीशन के बाद कैंडिडेट को डोमैस्टिक और इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर एयरपोर्ट मैनेजर,स्टाफ मैनेजर, सेफ्टी ऑफिसर के पोस्ट पर जॉब्स मिलती हैं।
डिप्लोमा इन एयरपोर्ट मैनेजमैंट
यह एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स है जिसके अंतर्गत एयरपोर्ट स्ट्रैटेजी और फंक्शनिंग, कार्गो मैनेजमैंट एंड हैंडलिंग इत्यादि के बारे में कैडिडेट्स को प्रशिक्षित (बताया)किया जाता है। इसके लिए किसी भी स्ट्रीम में 12वीं पास होना जरूरी है। इस डिग्री के बाद डोमैस्टिक और इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर कागों डिपार्टमैंट मैनेजर के पोस्ट के लिए रिक्रूटमैंट होता है।
कमर्शियल पायलट ट्रेनिंग
एविएशन सैक्टर का यह सबसे अधिक ग्लैमरस और आकर्षक प्रोफेशन माना जाता है लेकिन इस कोर्स का खर्च काफी अधिक है। इस कोर्स के अंतर्गत एयरोप्लेन को फ्लाइट से रिलेटेड थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों प्रकार की ट्रेनिंग दी जाती है। कमर्शियल पायलट बनने के लिए स्टूडेंट को फिजिक्स, कैमिस्ट्री और मैथेमैटिक्स के साथ बारहवीं कि परीक्षा पास होना जरूरी होता है। इस कोर्स में एडमिशन एंट्रैंस टैस्ट, पायलट एप्टीट्यूड टैस्ट और इंटरव्यू के बाद ही होता है।
ग्राऊंड स्टाफ एंड कैबिन क्रू
इसमें डिप्लोमा का उद्देश्य स्टूडेंट्स को एयर होस्टैस, स्टुअर्ड ऑन फ्लाइट्स की जिम्मेदारी निभाने के लिए योग्य बनाना होता है। यह कोर्स 6 महीने से 1 साल का होता है जिसके अंतर्गत candidates को फ्लाइट ट्रेनिंग, फूड बेवरेजेज और कस्टमर सर्विस के बारे में ट्रेनिंग दी जाती है। किसी भी स्ट्रीम में 12वीं पास स्टूडैंट्स इस डिप्लोमा के लिए अप्लाई कर सकता है।
डिप्लोमा इन एविएशन हॉस्पिटैलिटी
एविएशन सैक्टर में हॉस्पिटैलिटी और passenger customer को service देने के लिए बड़ी संख्या में स्किल्ड प्रोफेशनल्स की जरूरत होती है। इसके लिए इंट्रैस्टेड कैंडिडट्स को एक वर्ष का हॉस्पिटैलिटी डिप्लोमा कोर्स कराया जाता है। इस कोर्स के अंतर्गत कैंडिडेट्स को फूड और बेवरेजेज (पेय पदार्थ) के अतिरिक्त फॉरेन लैंग्वेजेज,कंप्यूटर और आई.टी.स्किल्स, कम्युनिकेशन स्किल्स और मैनेजमैंट में ट्रेनिंग दी जाती है। इस कोर्स के लिए किसी भी स्ट्रीम में बारहवीं पास स्टूडैंट योग्य हो सकते हैं। इस कोर्स के डिप्लोमा होल्डर्स एविएशन सैक्टर में केबिन क्रू, ग्राऊंड स्टाफ, ऑफिस ऑप्रेटर्स के रूप में काम कर सकते हैं।
एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग
एविएशन सैक्टर में करियर बनाने का यह एक महत्वपूर्ण सैगमैंट माना जाता है। 4 वर्ष का बी.ई या बी.टैक. डिग्री वाला एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग कोर्स मुख्य रूप से एविएशन सैक्टर के टैक्नोलॉजी से जुड़ा होता है जिसके अंतर्गत एयरक्राफ्ट की डिजाइनिंग,मैन्युफैक्चरिंग और मैंटेनैंस का कार्य किया जाता है। एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग के लिए अनिवार्य योग्यता के रूप में स्टूडेंट का फिजिक्स,कैमिस्ट्री और मैथेमैटिक्स के साथ बारहवीं क्लास पास होना जरूरी है।
डिप्लोमाइन एयरक्राफ्ट एंड टिकटिंग मैनेजमैंट
एविएशन सैक्टर में यह ग्राऊंड ड्यूटी वाली जॉब है। यह एक डिप्लोमा सर्टीफिकेट कोर्स है। कोर्स 6 महीने से लेकर एक वर्ष का होता है जो कि पार्ट टाइम या फुल टाइम के रूप में कर सकते हैं। इस कोर्स में दिलचस्पी रखने वाले छात्रों को एयरलाइन कोड्स,टिकटिंग टर्मीनोलॉजी,इलेक्ट्रोनिक टिकटिंग, पासपोर्ट और वीजा,फॉरेन करैंसी, हवाई किराए और टिकटिंग सॉफ्टवेयर के बारे में प्रशिक्षण दिया जाता है। टिकट बुकिंग डिपार्टमैंट और एयरलाइन कस्टमर केयर के सैगमैंट में जॉब्स ऑफर किया जाता है। इस कोर्स के लिए बारहवीं कक्षा पास होना अनिवार्य होता है।
प्रमुख संस्थान
1) इंस्टीट्यूट ऑफ लॉजिस्टिक्स एंड एविएशन मैनेजमैंट, बैंगलूर
2) यूनिवर्सल एयरहोस्टैस अकादमी,बेंगलूर, कर्नाटक
3) गवर्नमेंट फ्लाइंग ट्रेनिंग स्कूल,यालाहंका ,बेंगलूर
4) कोलंबस ट्रैवल अकादमी, पुणे
5) एविएशन अकादमी, बरेली
6) नैशनल कॉलेज ऑफ एविएशन, चेन्नई
7) यूनिवर्सिटी ऑफ पैट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज, देहरादून
8) एविएशन एंड एरोनॉटिक्स लिमिटेड, अहमदाबाद
9) राजीवगांधी अकादमी फॉरएविएशन टैक्नोलॉजी, तिरुवनंतपुरम
10) ग्वर्नमैंट एविएशन ट्रेनिंग इस्टीट्यूट,भुवनेश्वर
11) ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट्स ऑफ एरोनॉटिक्स ,लुधियाना
आवश्यक योग्यता
टैक्निकल कोर्स के लिए अंडरग्रैजुएट लैवल पर साइंस स्ट्रीम के साथ बारहवीं पास होना आवश्यक है जबकि नॉन-टैक्निकल कोर्स के लिए किसी भी स्ट्रीम के साथ बारहवीं पास होना चाहिए। टैक्निकल कोर्स में पोस्टग्रैजुएट डिग्री और कोर्स करने के लिए किसी भी उम्मीदवारके पास इंजीनियरिंग के मैकेनिकल, कम्य्यूटर्स, एयरोनॉटिकल, इलैक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन और अन्य स्ट्रीम्स में बी.टैक. की योग्यता होना आवश्यक है।
बड़े नियोक्ता( employee)
भारत में सिविल एविएशन में विभिन्न कोर्स में डिप्लोमा और डिग्री होल्डर्स के मुख्य नियोक्ता (employee) हैं :
1) एयर इंडिया
2) गो एयर
3) स्पाइस जैट
4) जैट एयरवेज
5) ब्लू डार्ट
6) डिफेंस रिसर्च एंड डिवेलपमेंट ऑर्गनाइजेशन
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