Blood pressure को control में रखने के लिए कुछ जरूरी बातें।

Blood pressure को सामान्य रखने के लिए कुछ जरूरी बातें।

Blood pressure control

  आज के समय में हृदय रोग, लकवा आदि रोगों की संख्या में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है। जितनी तेजी से विज्ञान व सभ्यता प्रगति कर रही है उतनी तेजी से ही रक्तदाब ( Blood pressure) वृद्धि के मरीज बढ़ते जा रहे है।

  ब्लड प्रैशर की जांच 18वीं सदी में स्टीफन हेल्स ने पहली बार घोड़ों पर की थी। सिफग्मोनोमीटर ( रक्तदाबक यंत्र) की खोज 1863 में सिपिओन रिव्हारॉकी नामक इटालियन वैज्ञानिक ने की। ब्लड प्रैशर नापने के लिए पारद (मरक्यूरी) यंत्र व अनेराइड यंत्र का उपयोग किया जाता है परंतु पारे वाला रक्तदाबक यंत्र ज्यादा वैज्ञानिक व उपयुक्त है।

   सामान्यतः औसतन प्रौढ़ व्यक्ति का रक्तदाब(ब्लड प्रैशर) सिस्टोलिक (हृदय आकुंचन) 120 मि.मी. तथा , डायस्टोलिक (हृदय प्रसारण) 80 मि.मी. का स्तर होता है। यह आयु,लिंग,शरीर की बनावट, मानसिक भाव आदि पर निर्भर रहता है। ब्लड प्रैशर मुद्राओं व स्थितियों के अनुसार भी घटता बढ़ता है।आमतौर पर रोगी को लिटाकर रक्तदाब(ब्लड प्रैशर) देखा जाता है बिठाकर भी रक्तदाब देखा जाता है परंतु दोनों में फर्क रहता है।

  सामान्यतः: प्रौढ़ व्यवित में आगम की अवस्था में सिस्येलिक ब्लड प्रैशर 150 मि.मी. तथा डायस्टोलिक ब्लड प्रैशर 90 मि.मी. पारद स्तर तक सामान्य माना जाता है। यदि ब्लड प्रैशर इस स्तर से ज्यादा हो तो उसे ब्लड प्रैशर वृद्धि माना जाता है। सुबह नापे हुए ब्लड प्रैशर तथा शाम को नापे हुए ब्लड प्रैशर में भी फर्क दिखाई देता है।

Blood pressure tool


क्यों बढ़ता है ब्लड प्रैशर 

  शराब और ब्लड प्रैशर बढ़ने का बहुत नजदीकी रिश्ता है। बीयर पीने वालों में 38 प्रतिशत तथा हाईड्रिंक लेने वालों में ब्लड प्रैशर वृद्धि 56 प्रतिशत है। अत: शराब पीना स्वास्थ्य के हित में नहीं है। 


ज्यादा नमक से भी बढ़ता है बी.पी.

  सामान्यत प्रतिदिन शरीर में तीन ग्राम से ज्यादा नमक का सेवन नहीं करना चाहिए परंतु आजकल फास्ट फूड, आचार, पापड़, पावभाजी के मार्फत शरीर 7-8 ग्राम तक नमक का सेवन करता है जिससे ब्लड प्रैशर बढ़ना स्वाभाविक ही है।

  ब्लड प्रैशर बढ़ने का मुख्य कारण है शरीर से नमक तथा पानी सही मात्रा में बाहर फैंकने की प्रक्रिया में अवरोध होना। तम्बाकू का सेवन तथा सिगरेट -बीडी आदि भी नुक्सानदायक हैं मधुमेह व मोटापा और ब्लड प्रैशर में निकट का संबंध है। शरीर में चर्बी का प्रमाण बढ़ना, यूरिक एसिड का बढ़ना भी ब्लड प्रैशर वृद्धि के कारण हैं। दिमागीतंनाव, भागदौड़, रहन-सहन, खाने-पीने पर ध्यान न देना, ज्यादा नींद, अधूरी नींद आदि भी ब्लड प्रैशर वृद्धि के कारण हैं।

 

Blood pressure को सामान्य रखने के लिए इन बातो का ध्यान रखे

  ब्लड प्रैशर घटाने अथवा नियंत्रित करने के लिए वजन घटाना, धूम्रपान न करना, चाय काफी कम पीना, शराब से दूर रहना, नियमित कसरत करना, ज्यादा परिश्रम न करना, प्राकृतिक वेगों पेशाब के वेगों को ज्यादा समय तक न रोकना, रात्रि जागरण न करना, नियत समय पर लघु सुपाच्य भोजन लेना महत्वपूर्ण है।योगाभ्यास व मन की साधना आप को blood pressure बढ़ने से मुक्ति दिला सकती है परन्तु इसके लिए विशेषज्ञ का मार्गदर्शन ले ।


 

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