बिजली के मीटरों को ठीक करने के हुनर को अपना career कैसे बनाए ?
देश में कंज्यूमर मीटर के सर्टिफाइड हुनरमंदों की कमी को देखते हुए आई. टी.आई और डिप्लोमा इंजीनियरिंग के स्तर पर विशेष तौर पर इलैक्ट्रिकल ट्रेड के स्टूडेंट्स को यह कौशल सिखाया व पढ़ाया जाता है। आज बिजली प्रत्येक घर, फैक्ट्री व संस्थान की मूलभूत आवश्यकता है। कहां बिजली की कितनी खपत हो रही है, यह आंकड़ा इलैक्ट्रिक मीटर से प्राप्त होता है। जितने घरों तक बिजली कनैक्शन, उतने ही इलैक्ट्रिक मीटर, किराएदार है तो सब मीटर लगाना है। इसमें खराबी आने पर तुरंत ठीक करना पहली प्राथमिकता होती है।
पहली शिकायत बिजली विभाग से करनी आवश्यक है क्योंकि मीटर ठीक करना उनकी जिम्मेदारी है। देश में कंज्यूमर मीटर के सर्टिफाइड हुनरमंदों की कमी को देखते हुए आई.टी.आई. और डिप्लोमा इंजीनियरिंग के स्तर पर विशेष तौर पर इलैक्ट्रिकल ट्रेड के स्टूडेंट्स को यह कौशल सिखाया व पढ़ाया जाता है।
करियर की अपार संभावनाएं
गत वर्षों में भारत सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं, जैसे प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना 'सौभाग्य ' 'दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना' आदि ने बिजली की पहुंच को सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों तक संभव कर दिखाया है। सरकार ने ग्रामीण विद्युतीकरण को नया आयाम देते हुए देश के लगभग सभी गांवों में बिजली पहुंचा दी है। 'सौभाग्य' परियोजना ने शत- प्रतिशत घरों के विद्युतीकरण की प्रक्रिया को सरल एवं संभव बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह सब संभव बनाने के लिए संपूर्ण विद्युत आपूर्ति तंत्र को अधिक शक्तिशाली बनाया, जिसमें बिजली उत्पादन से लेकर कम वोल्टेज में आपूर्ति व्यवस्था सुनिश्चित करने तक सारे काम आते हैं।
नई योजनाएं
सरकार बिजली की चोरी को रोकने और बिजली की व्यवस्था दुरुस्त करने पर जोर दे रही है। इसमें स्मार्ट मीटर प्रमुख हैं । पूरे देश में स्मार्ट पावर ग्रिड को लेकर भी काम चल रहा है। जिसके तहत कई प्रदेश में पुराने मीटरों को बदल कर नए मीटर लगाने की योजना पर भी काम कर रहे हैं। प्रीपेडमीटर में जितना पैसा जमा करेंगे, उतनी ही बिजली आपको प्राप्त होगी। स्मार्ट मीटर में खपत की सूचना उपभोक्ता एवं बिजली विभाग को प्राप्त होती रहती है। कहीं कोई खराबी या मीटर से छेड़छाड़ होने पर तुरंत पता चल जाता है।
इस फील्ड में एंट्री कैसे ले
इस कोर्स के लिए उम्मीदवार का न्यूनतम 8वीं पास होना जरूरी है लेकिन 10वीं और आई.टी.आई. पास विद्यार्थी को प्राथमिकता दी जाती है। यदि किसी कैंडिडेट ने 6 महीने की ट्रेनिंग या इलैक्ट्रिकल में आई.टी.आई. सर्थिफिकेट किया हुआ है तो उनके लिए यह एक बेहतर विकल्प है। इस कोर्स में प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु 20 वर्ष तय है। इसके अलावा इलैक्ट्रिकल के फिल्ड में आई.टी.आई, और डिप्लोमा इंजीनियरिंग करने वाले विद्यार्थी भी इस कौशल को अपना सकते हैं।
अवसर
मीटर तकनीशियन के तौर पर ऊर्जा के क्षेत्र में करियर के कई अवसर उपलब्ध हैं। प्रशिक्षण के बाद सरकारी, निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, तीनों जगहों पर काम कर सकते हैं। निजी क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियों में बहुत अवसर हैं। इसमें घरों में खराब होने वाले मीटर को बदलने से लेकर रिपेयर करने तक कई स्तरों पर जॉब के मौके हैं । पद और कंपनी के हिसाब से तनख्वाह मिलती है। शुरूआत में 15 से 20 हजार रुपए प्रतिमाह मिल जाते हैं।
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