देशी और विदेशी( foreign language) भाषा में करियर कैसे बनाए ?

  देशी और विदेशी भाषा (language) में करियर कैसे बनाए।

Foreign language

  समय तेजी से बदल रहा है उसी के साथ करियर की सोच में भी परिवर्तन आ रहा है। नए क्षेत्रों में नई संभावनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। ऐसे में देशों और विदेशों की जानकारी विभिन्न जॉब के ढेरों द्वार खोल रही है। हिंदी, पंजाबी, गुजराती, उर्दू, तमिल,तेलुगु, मलयालम, बंगाली व अन्य भारतीय भाषाएं और फ्रैंच, जर्मन, स्पैनिश, अरेबिक, कोरियन, जैपनीज, चाइनीज, इटैलियन, रशियन और पर्शियन जैसी विदेशी भाषाएं न केवल जॉब के अवसर पैदा कर रही हैं, बल्कि ये आपके लिए एक विस्तृत वैश्विक समाज को जानने का भी जरिया बन रही हैं। जब आप एक नई भाषा सीखते हैं तो दुनिया को देखने के लिए एक बिल्कुल नया परिप्रेक्ष्य खुलता है। आप न केवल उस भाषा की व्याकरण और उच्चारण सीखते हैं, बल्कि आप दुनिया के उस हिस्से के इतिहास और संस्कृति से भी रूबरू होते हैं, जिस हिस्से की वह भाषा है। एक शोध से यह भी पता चलता है कि स्कूल के स्तर पर ही मातृभाषा के साथ-साथ कोई विदेशी भाषा सीखने वाले छोटे बच्चे अपनी मातृभाषा और विचारों की स्पष्टता की बेहतर समझ रखते हैं। वे उन बच्चों की तुलना में अपने ग्रेड में उल्लेखनीय सुधार दिखाते हैं जो दूसरी भाषा का अध्ययन नहीं करते। इसलिए एक नई भाषा सीखने से जीवन कौशल में वृद्धि और विकास होता है

  ग्लोबलाइजेशन और खुली अर्थव्यवस्थाओं के इस दौर में ऐसी बहुत-सी कंपनियां हैं जो अंग्रेजी की बजाय अपनी भाषा में ही कार्य करने को प्राथमिकता देती है। उन कंपनियों के अधिकारियों को भारतीय समकक्षों के साथ बात करने में भाषायी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में उस देश की भाषा और भारतीय भाषाओं के जानकार ही संप्रेषण की इस खाई को पाटते हैं। लिहाजा ऐसे जानकारों के लिए नौकरी की संभावनाओ में तेजी से वृद्धि हो रही हैं।


शैक्षणिक योग्यताएं :-

  एक लैंग्वेजिज स्कूल के डायरैक्ट संजीव रावत के मुताबिक, हालांकि कोई भी भाषा सीखने के लिए किसी विशेष शैक्षणिक योग्यता की अनिवार्यता नहीं है। आप स्कूली शिक्षा के समय भी कोई एक विशेष देशी या विदेशी भाषा एक  विषय के रूप में कौशलविकाश के लिए पढ़ सकते हैं। विदेशी भाषाओं के लिए उच्च स्तर की शिक्षा के लिए कुछ विशेष संस्थान होते हैं, जहां 12वींबाद एडमिशन लेकर आप भाषा विशेष में विशेषज्ञता हासिल कर सकते है। जैसे मैक्समूलर भवन आदि। ये कोर्स 6, 9, 12, 18 महीने या इससे अधिक के भी हो सकते हैं। आप विभिन्न विश्वविद्यालयों से पार्ट टाइम या फुल टाइम सर्टिफिकेट कोर्स भी कर सकते हैं और इसके बाद परफैक्शन के लिए एडवांस्ड लैवल की शिक्षा ले सकते हैं।


स्किल भी जरूरी :-

   विभिन्न भाषा के आधार पर मिलने वाली नौकरियों के लिए आपके पास शैक्षणिक योग्यता (Educational qualification) के साथ-साथ कुछ स्किल्स का होना भी बेहद जरूरी है, जैसे जिस भाषा को आप सीखना चाहते हैं उसके प्रति रुचि होनी चाहिए । भाषा विशेष को सुन कर एक बार में ही आत्मसात करने को योग्यता होनी चाहिए। भाषा को उसके संदर्भ में समझ सकने का सामर्थ्य होना चाहिए। प्रैजैंस ऑफ माइंड यानी बुद्धि तत्परता का गुण अनिवार्य है। वर्बल एबिलिटी यानी मौखिक क्षमता भी जरूरी है। भाषा को अभिव्यक्त करने का सही सलीका पता होना चाहिए।


किन भाषाओं में संभावनाएं है ?

Foreign language

  विदेशी भाषाओं की बात करे तो फ्रैंच,जैपनीज , चाइनीज, स्पैनिश, कोरियन, इटैलियन, पर्शियन, रशियन, अरेबिक, जर्मन, डच आदि भाषाएं करियर के लिहाज से बेहतर मानी जाती हैं, जबकि देशी भाषाओं में हिंदी, मराठी, पंजाबी, गुजराती, तमिल, तेलुगु, मलयालम और बंगाली भाषाओं का बोलबाला है।

कैसी-कैसी जॉब्स :-

  किसी भी प्रकार की भाषा सीखने के बाद आपके पास विभिन्न जॉब प्रोफाइल उपलब्ध रहते हैं। इनमें से प्रत्येक में आप अपना करियर संवार सकते हैं जैसे,


इंटरप्रेटर :-

language Interpreter

 टैलीकॉन्फ्रैंसिंग या वीडियो कॉन्फ्रैंसिंग जैसी टैक्नोलॉजी आने से अब आप दुनिया के किसी भी कोने में बैठ कर किसी भी व्यक्ति या व्यक्तियों के साथ उनकी भाषा में मीटिंग कर सकते हैं। आप किसी सरकारी या बिजनैस डैलीगेशन का हिस्सा बन कर भी इंटप्रेटर की भूमिका निभा सकते हैं।


ट्रांसलेटर :-

Language translator

  कई व्यावसायिक संस्थानों को अपने बिजनैस पार्टनर या क्लाइंट्स से कम्युनिकेशन करने के लिए ट्रांसलेटरों की जरूरत पड़ती है। आप रैगुलर या पार्ट टाइम ट्रांसलेटर के तौर पर भी काम कर सकते हैं।


 बी.पी.ओ :-

BPO

  देश में बी.पी.ओ. इंडस्ट्री के तेजी से फलने-फूलने के पीछे फॉरेन लैंग्वेज में स्किल्ड प्रोफेशनल्स का बड़ा हाथ है।ये लोग डाय प्रोसैसिंग से लेकर अन्य जॉब्स में भी बखूबी अपने कौशल दिखा रहे हैं। यही वजह है कि विदेशी भाषा ( foreign language) में प्रशिक्षित (trained) प्रोफेशनल्स को ये बी.पी.ओ. कंपनियां हाथों-हाथ जॉब देती हैं!


फॉरेन सर्विसिज :-

Foreign services

  फ्रैंच, जर्मन और रशियन भाषाओं में मास्टर्स करने वाले व्यक्ति संघ लोक सेवा आयोग (Public Union Service Commission) की परीक्षा में शामिल होकर आई.ए.एस. या आई.एफ.एस. में जा सकते हैं।


टीचिंग :-

Language teacher

  देशी-विदेशी भाषाओं में भविष्य संवारना हो तो टीचिंग भी एक बेहतरीन जॉब ऑप्शन हो सकता है। कई संस्थान फॉरेन लैंग्वेज में कोर्स करवाते हैं। यहां आप लैंग्वेज टीचर के रूप में काम कर सकते हैं।


पर्यटन:-

Turism

 पर्यटन  (Tourism) पूरे विश्व का एक बड़ा व्यवसाय बन चुका है। जिसे सभी देशों की सरकारें इसे बढ़ावा दे रही हैं। भाषा, विशेषकर विदेशी भाषा के जानकार यानी की विदेशी भाषा का ज्ञान रखने वाले यहां भी गाइड बन कर मोटा पैसा कमा सकते हैं। इसके अलावा भारत से बाहर घूमने जाने वाले पर्यटकों व बिजनैस डैलीगेशन के साथ भी आप एक इंटरप्रेटर की भूमिका निभा सकते हैं।इसके अलावा आप विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यू.टी.ओ.), संयुक्त राष्ट्र (यू.एन.), विश्व बैंक, वर्ल्ड हैल्थ ऑर्गनाइजेशन जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों (international organizations) को अपनी सेवाएं प्रदान कर सकते हैं।


वेतन :-

  यूरोपियन भाषाओं, जैसे फ्रैंच और जर्मन के जानकार एक फ्रैश ग्रैजुएट को एक बड़ी कंपनी में 20 से 35 हजार रुपए प्रति माह वेतन मिल सकता है। एक टॉप इंटरप्रेटर को सालाना (per annum) 8 से 10 लाख या उससे भी ज्यादा का पैकेज मिल सकता है।


प्रमुख संस्थान :-

(1) स्कूल ऑफ लैंग्वेजेज, जे.एन.यू., नई दिल्ली

www.jn.ac.in

(2) लैंग्मा स्कूल ऑफ लैंग्वेजेज,नई दिल्ली

www.langmainternational.com

(3) दिल्ली विश्वविद्यालय, नई दिल्ली

www.du.ac.in

(4) बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी, वाराणसी, उत्तर प्रदेश

www.bh.ac.in


 


 





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