मशरूम की खेती करके पैसे कैसे कमाए ?
मशरूम यानी खुम्ब की औषधीय गुणवत्ता एवं खाद्य पोषण के कारण अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसकी मांग 10 % वार्षिक कि दर से बढ़ रही है। खुम्ब की सब्जी इतनी लोकप्रिय हुई है कि आज विश्व में खुम्ब का जितना उत्पादन है, उससे कहीं ज्यादा उसकी मांग है।भारत में प्राचीन समय से खुम्ब खाने की प्रथा है तथा इसके औषधीय गुणों का उपयोग कर विभिन्न प्रकार की दवाइयां बनाई जाती थीं। करीब 40 दिनों में मशरूम की फसल प्राप्त की जा सकती है । व्यावसायिक रूप से आमतौर पर तीन प्रकार की खुम्ब की खेती कि जा रही है। बटन खुम्ब, ढींगरी खुम्ब तथा दुविधा खुम्ब । इसमें बटन खुम्ब सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। तीनों प्रकार की खुम्ब को किसी भी हवादार कमरे या शैड में आसानी से उगाया जा सकता है।
भारत में बटन मशरूम उगाने का उपयुक्त समय अक्तूबर से मार्च के महीने हैं। इन छ: महीने में दो फसलें उगाई जाती हैं।बटन खुम्ब की फसल के लिए आरंभ में 22 से 26 डिग्री सैंटीग्रेड तापमान की आवश्यकता होती है। इस तापमान पर कवक जाल बहुत तेजी से बढ़ता है। बाद में इसके लिए 14 से 18 डिग्री तापमान ही उपयुक्त रहता है। इसमें कम तापमान पर फलनकाय की बढ़वार बहुत धीमी हो जाती है। 18 डिग्री से अधिक तापमान भी खुम्ब के लिए हानिकारक होता है। अत: प्रशिक्षण के उपरांत ही इसकी खेती करनी चाहिए। खुम्ब उत्पादन हेतु जानकारी किसी भी राज्य के कृषि विश्वविद्यालय में उपलब्ध है।
सबसे पहले यह निश्चित करें कि आपके क्षेत्र में खुम्ब की अधिक उपज हो सकती है इसके लिए किसी विशेषज्ञ की सलाह ले, किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त करे। आप किस खुंब की खेती करना चाहते हैं निश्चित कर लें उसके बाद ही सामान संग्रहित करें। खुंब उत्पादन के लिए एक निश्चित स्थान चुनें जो आबादी से थोड़ा दूर हो तथा सड़क से जुड़ा हो, फार्म उद्यमी के नजदीक होना चाहिए ताकि इसकी देखरेख ठीक प्रकार से की जा सके।
फार्म के आसपास पानी का स्रोत होना चाहिए क्षेत्र में सस्ते दर पर कच्चा माल व बिजली उपलब्ध होनी चाहिए तथा पदार्थ फैलने की जगह होनी चाहिए। कमरे का फर्श इतना मजबूत होना चाहिए कि लोहे के रेकों का वजन संभाल सकें। कमरे की दीवार, दरवाजों और फर्श को पानी में चूना डालकर धो लेना चाहिए। खिड़की, दरवाजों पर लगी जालियों को साफ कर लेना चाहिए तथा अगर कहीं से कटी फटी हों तो ठीक करवा लेनी चाहिएं। कमरे में अगर लिफाफों में खेती करनी है तो स्टैंड जिस पर लिफाफे रखने हों उसे फार्मलीन से साफ करें और अगर ट्रे का उपयोग करना है तो ट्रे को साफ करके फार्मलीन से साफ करें। अगर ढींगरी खुम्ब लगानी हो तो बैग टांगने के लिए उपयोग में आने वाली रस्सी को भी फार्मलीन से साफ करें।
कमरे की खिड़की-दरवाजों के अतिरिक्त पंखें, एग्जॉस्ट, बल्ब आदि को भी 0-5 प्रतिशत फार्मलीन का घोल बनाकर स्प्रे पम्प की सहायता से साफ कर लें। भवन के अंदर किसी प्रकार का सामान स्टोर करके न रखें । उत्पादन में उपयोग होने वाली तूड़ी या पराली एक वर्ष से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए तथा बारिश में भीगी हुई नहीं होनी चाहिए।खाद बनाने के लिए तूड़ी पराल काटने व भिगोने का काम बैग भरने तथा बीज मिलाने की जगह से दूर होना चाहिए। जो व्यक्ति काटने व भिगोने, उबालने का काम करे उसे बैग भरने से पहले नहा-धोकर साफ कपड़े पहन कर ही बीज मिलाने का काम करना चाहिए।
बैग भरने, बीज मिलाने तथा बीज फैलने के समय जिस कमरे में बीज मिलाकर बैग रखने हो उसमें फार्मलीन से हफ्ते में दो बार स्प्रे करना चाहिए। कमरे को चूहों तथा मक्खीयों से बचाने के लिए खिड़कियों में लोहे की तथा नाइलोन की जाली का प्रयोग करें। इन सावधानियों से अगर खुम्ब की खेती की जाए तो कृषक निश्चित रूप से अधिक उपज लेकर अधिक लाभ कमा सकते हैं।
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