अत्यंत गुणकारी अखरोट (Walnut) के फायदे क्या है आईए जाने ?
अखरोट एक मेवा ही नहीं बल्कि एक उत्तम औषधि भी है। यह हमारे शरीर के कई प्रकार के रोग को भी दूर करता है। इसके सेवन से स्मरण शक्ति बढ़ती है,आंखों की ज्योति बढ़ती है तथा खून भी बढ़ती है । बच्चों की दिमाग के विकास और वृद्धि के लिए तो यह एक उत्तम दवा साबित हुआ है और इसके सेवन से बच्चों की बुद्धि तीव्र होने लगती है।
कनाडा के वनस्पति शास्त्री सर टोनिस मोरिया ने अखरोट के वृक्ष का सूक्ष्म अवलोकन किया तो एक नई बात सामने आई। दरअसल अखरोट के वृक्ष की जड़ों में एक ऐसा विषैला प्रभाव होता है जिसके आसपास की मिट्टी काली हो जाती है। इस मिट्टी के आधार पर यह बात साबित हुई कि यदि नियमित रूप से अखरोट का सेवन किया जाए तो इससे शरीर के सफेद दाग भी ठीक हो सकते हैं।
इसके वृक्ष के आसपास की काली मिट्टी का लेप यदि सिर पर किया जाए तो इससे बाल भी काले होने लगते हैं। आइए,आपको इसके औषधीय प्रयोग भी बताते हैं।
(1) अखरोट खाकर ठंडा पानी पीने से कुछ दिनों में पथरी निकल जाती है। अखरोट को गर्म पानी के साथ पीस कर नाभि पर लेप करने से पेट के मरोड़ दूर होते हैं।
(2) अखरोट के छिलके की राख को मुंह के दांतों पर रगड़ने से दांतों में चमक बढ़ती है व खून, मवाद आना भी बंद होता हैं।
(3) अखरोट खाने से जी मिचलाना भी दूर होता है। गर्भवती स्त्रियों के लिए तो यह एक उत्तम औषधि है।
(4) कच्चे अखरोट के दूध की मालिश से त्वचा में निखार आता है तथा त्वचा पर फोड़े फुंसी भी नहीं होते।
(5) पचास वर्ष से अधिक आयु वालों को प्रतिदिन तीन अखरोट पांच बादाम के साथ खाने चाहिएं। इससे वृद्धावस्था में नवशक्ति का संचार होता है तथा स्मरण शक्ति भी बढ़ती हैं।
(6) शरीर पर अधिक फुंसियां निकलने पर सुबह-शाम तीन-तीन अखरोट दूध के साथ सेवन करें। कुछ दिनों में ही यह फुंसियां पूरी तरह से गायब होने लगेंगी।
(7) बच्चों को रात्रि में अखरोट खिलाने से उन्हें नींद अच्छी आती है तथा वे बिस्तर में पेशाब भी नहीं करते है।
(8) जहरीले जीव जंतुओं के काटने पर अखरोट की छाल को पानी में घिसकर लगाएं, इससे जहर तुरंत उतरने लगेगा। अखरोट को बादाम के साथ चबाकर खाने से स्मरण शक्ति बढ़ती है।
(9) अखरोट और लहसुन समान मात्रा में पीस कर सेवन करने से यक्ष्मा रोग में लाभ होता है।अखरोट के वृक्ष की पत्तियां मसल कर सूंघने से जुकाम भी गायब होने लगता है।
(10) मिर्गी रोग में इसके वृक्ष की पत्तियां सुंघाने से लाभ होता है और रोगी जल्दी होश में आ जाता है।
कुछ दिलचस्प तथ्य
रोमन काल की शुरूआत में अखरोट को ईश्वर का भोजन कहा जाता था और इसका नाम 'जूपिटर' पर रखा गया है इसीलिए इसका वैज्ञानिक नाम 'जग्लांस रेजिया' है। उसके उगने के मूल स्थान भारत और कैस्पियन सागर के आसपास के हिस्सों को माना जाता है। अखरोट अब चीन, ईरान, संयुक्त राज्य अमेरिका, तुर्की, मैक्सिको, यूक्रेन,चिली में उगाए जाते हैं। विश्व में चीन अखरोट का सबसे बड़ा उत्पादक है। वर्ष 2016-17 तक चीन ने विश्व में अखरोट के कुल उत्पादन का 50 प्रतिशत हिस्सा उगाया था।
भारत में जम्मू-कश्मीर, उत्तरांचल, हिमाचल प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश के उत्तरी तथा कुछ अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में अखरोट उगाया जाता है।
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