रेडियोलॉजी के क्षेत्र में करियर कैसे बनाए ?
चिकित्सा का दायरा (scope) सिर्फ डॉक्टर या नर्स तक सीमित (Limit) नहीं है, इसमें कई लोग जुड़े होते हैं। उन्हीं में से एक है रेडियोलॉजी टैक्नीशियन।
आज के समय में हर छोटी-बड़ी बीमारी के बारे में जानने के लिए x-ray किया जाता है। यह काम रेडियोलॉजिस्ट करते हैं। आज के समय में यह क्षेत्र काफी तेजी से उभर (emerge) रहा है । Career बनाने के लिए इस क्षेत्र में बेहतरीन संभावनाएं ( possibilities) हैं।
कैसे करता है काम :-
रेडियोलॉजिस्ट शरीर के विभिन्न अंगों का x-ray करते हैं। x-ray करते वक्त मरीज तथा आसपास के लोगों पर रेडियोएक्टिव किरणों (radioactive rays) का side effect न हो, इस बात की जानकारी भी रखते हैं। इसके अलावा वे रेडियोग्राफिक उपकरणों की देखभाल तथा रोगियों के रिकॉर्ड्स भी मेंटेन करते हैं।
आवश्यक गुण :-
एक सफल और कुशल रेडियोलॉजिस्ट को चिकित्सा और साथ ही तकनीकी क्षेत्र में उत्कृष्ता प्राप्त होनी चाहिए। कम्प्यूटर कौशल, सकारात्मक दृष्टिकोण, समर्पण के साथ सेवाभाव, बेहतरीन और धाराप्रवाह संचारकौशल का ज्ञान होना जरूरी है क्योंकि रेडियोलॉजिस्ट को एक टीम (group) की तरह कार्य करना होता है।
कौन-कौन से हैं कोर्स :-
रेडियोलॉजी टैक्नीशियन बनने के लिए कई तरह के कोर्स उपलब्ध हैं। इनमें सर्टिफिकेट कोर्स से लेकर डिप्लोमा, डिग्री और मास्टर्स तक के कोर्स उपलब्ध हैं, जैसे ,
बैचलर ऑफ रेडियो इमेजिंग टेक्नोलॉजी (3 वर्ष), बी.एससी. इन मेडीकल रेडियोलॉजी (3 वर्ष),
डिप्लोमा इन मेडीकल रेडियोलॉजी ( 1 वर्ष),
डिप्लोमा इन रेडियो इमेजिंग टेक्नोलॉजी (2 वर्ष),
पी.जी डिप्लोमा इन रेडियोलॉजी एंड इमेजिंग टैक्नोलॉजी (1 वर्ष)
आदि।
आवश्यक योग्यताएं :-
इस क्षेत्र से संबंधित स्नातक डिग्री (bachelor degree), सर्टिफिकेट तथा डिप्लोमा कोर्स करने के
लिए फिजिक्स, कैमिस्ट्री व बॉयोलॉजी में 50 % मार्क के साथ 12वीं कक्षा में पास होना जरूरी है। यदि आप साइंस विषयों में स्नातक (Graduate) है तो P.G.Diploma कोर्स कर सकते हैं। गौरतलब है कि इसमें प्रवेश मुख्यत: 12वीं कक्षा में पास मार्क के आधार पर ही होता है लेकिन कुछ संस्थान entrance test व interview के आधार पर भी चयन (selection) करते है।
स्न्नातकों के लिए इसमें करियर :-
इस क्षेत्र में स्नातक रेडियोग्राफर, रेडियोलॉजिक प्रौद्योगिकीविदों, वैज्ञानिक प्रयोगशाला सहायक, क्लीनिक सहायक, x-ray तकनीशियन, अल्ट्रसाऊंड विशेषज्ञों (specialist) के रूप में कार्य कर सकते हैं।चिकित्सा (Treatment) के क्षेत्र में हो रहे विकास के साथ ही रेडियोलॉजी के क्षेत्र में करियर की काफी संभावनाएं पैदा हुई है।
radio imaging technology के क्षेत्र में पेशेवरों (Professional) की भारी कमी है डॉक्टर पूरी तरह से इमेजिंग विशेषज्ञों पर निर्भर करते हैं। वे सही निदान (correct diagnosis) के बिना किसी का भी उपचार शुरू नहीं कर सकते। डॉक्टर रेडियोलाजिस्ट से एम.आर.आई. और एंजियोग्राफी व इलाज परीक्षण जैसी सभी प्रकार की मदद लेते हैं।
कहां-कहां हैं अवसर :-
यह रेडियोलॉजिस्ट का करियर विकल्प के तौर पर boys और girls दोनों के लिए उपयुक्त (Suitable) है। इस कोर्स के दौरान छात्रों को शरीर रचना विज्ञान, शरीर विज्ञान, विकिरण भौतिकी (Radiation Physics), इमेजिंग भौतिकी (imaging physics) और रेडियोग्राफिक स्थिति के बारे में जानकारी दी जाती है।
सफल स्नातकों के लिए सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में काफी संभावना है। रेडियोलॉजिस्ट बनने के बाद आप किसी भी नर्सिंग होम, अस्पताल, डाइग्नॉस्टिक सैंटर, अत्याधुनिक अस्पताल में या फिर खुद का काम शुरू कर सकते हैं।
आमदनी का जरिया :-
भारत में रेडियोलॉजी टेक्नीशियन की शुरूआती सैलरी 10,000 से 12,000 रुपए प्रतिमाह होती है। वहीं एक अनुभवी व प्रशिक्षित रेडियोलॉजिस्ट 20,000 से 25,000 रुपए प्रतिमाह प्राप्त कर सकता है। विदेशों में इनकी अधिक मांग है। यदि आप इससे संबंधित कोर्स करके विदेश जाते हैं तो भारत की बजाय कई गुना ज्यादा income अर्जित कर सकते हैं।
मांग अधिक, पूर्ति कम :-
केवल भारत में ही नहीं, विदेशों में भी हैल्थ सैक्टर में विशेषज्ञ तथा ट्रेंड रडियोलॉजिस्ट की काफी आवश्यकता महसूस की जा रही है। अमेरिकन सोसाइटी ऑफ रेडियोलॉजी के अनुसार रेडियोलॉजिस्ट टेक्नीशियन की जितनी मांग है उतनी पूर्ति नहीं है। सरकार ने इस ओर गंभीरतापूर्वक ध्यान देना शुरू कर दिया है।
प्रमुख संस्थान :-
(1) all india institute of medical Sciences, नई दिल्ली
www.aiims.ed
(2) बी. जे मेडिकल कॉलेज,अहमदाबाद, गुजरात
www.bjmc.org
(3) बीर टिकेंद्रजीत विश्वविद्यालय, मणिपुर
www.birtikendrajituniversity.ac.in
(4) दिल्ली पैरमेडीकल एंड मैनेजमैंट इंस्टीच्यूट, नई दिल्ली
www.dpmiindia.com
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