हिमपात (snow) कैसे बनता है क्या आप जानते है।

हिमपात कैसे बनता है आप जानते है?

Snow fall icon

 हिमपात (Snow) ये कण (Particle) बादलों से जमीन की ओर गिरते समय एक-दूसरे से टकराकर जुड़ जाते हैं। इस प्रकार जमीन पर गिरने से पहले ही इनका आकार बड़ा हो जाता है। चूंकि जितने ज्यादा हिमकण आपस में जुड़ते हैं हिमकण का आकार उतना ही बड़ा होता जाता है। सर्दी के मौसम में अक्सर पहाड़ी इलाकों में हिमपात होता है। आखिर यह क्‍यों होता है, आज हम आपको हिमपात के संबंध में जानकारी देने वाले हैं। 

 जब बादल का तापमान हिमांक (freezing point) से नीचे पहुंच जाता है तब वहां नन्हे-नन्हे हिमकण बनने लगते हैं। ये कण बादलों से जमीन की ओर गिरते समय एक-दूसरे से टकराकर जुड़ जाते हैं।इस प्रकार जमीन पर गिरने से पहले ही इनका आकार बड़ा हो जाता है। चूंकि जितने ज्यादा हिमकण आपस में जुड़ते हैं हिमकण का आकार उतना ही बड़ा होता जाता है।

Snow fall icon

 पृथ्वी पर वे छोटे-छोटे रूई के फाहों के रूप में गिरने लगते हैं इन्हें हिमपर्त (snowflake) कहते हैं। ये हिमपर्त घटकोणीय (6 कोने वाले) होते हैं। और कोई भी दो हिमपर्त आकार में एक जैसे नहीं होते। हिमपर्त प्रकाश को प्रतिबिबित (reflective) करते हैं इसलिए ये सफेद दिखाई देते हैं अगर हवा का तापमान हिंमांक से नीचे न हो तो ये हिमकण आसमान से गिरते समय पिघल भी जाते हैं। केवल सर्दी होने से बर्फ नहीं गिरती है। इसके लिए हवा में पानी के कण यानी की नमी भी होने जरूरी हैं।

Snow fall forest

 गिरती हुई बर्फ हमेशा नर्म (soft) नहीं होती है कभी-कभी यह हिमपात छोटे-छोटे पत्थरों के रूप में भी जमीन पर गिरती है। इन पत्थरों को हम ओले (hail) कहते हैं। इनमें बर्फ की कई सतहें होती हैं। अभी तक सबसे बड़ा ओला 1.2 Kilogram का पाया गया है। उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव (north and south poles) पर बर्फ के कई पहाड़ हैं। इन पहाड़ों से बर्फ के बड़े-बड़े टुकड़े अलग होकर तैरते हुए आगे बढ़ते हैं। इन टुकड़ों को हिमशिला (iceberg) कहते हैं। बर्फ पानी पर इसलिए तैरती है क्योंकि वह पानी से हल्की होती है।


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