ई.सी.जी तकनीक में भविष्य कैसे बनाए।
इलैक्ट्रोकार्डियोग्राम तकनीशियन को कार्डियोग्राफिक तकनीशियन भी कहा जाता है। ई.सी.जी मशीन का इस्तेमाल करके पेशैंट्स की हार्ट रेट्स मापना, कार्डियक रिदम को मॉनिटर करना, दिल और रक्त वाहिकाओं में अनियमितताओं को खोजने में चिकित्सकों की सहायता करना, अधिग्रहीत डाटा को collect करना, रोगी की चिकित्सा की स्थिति को डायग्नोज करना और हार्ट रोग विशेषज्ञों की सहायता इत्यादि काम एक इलैक्ट्रेकार्डियोग्राम तकनीशियन करता है।
हृदय रोगियों की मदद करना,चिकित्सकों, रोगियों और टैक्नोलॉजिस्ट से बातचीत कर काम के दिनों को दिलचस्प बनता है और नुकसान की बात करे तो यह तनाव भरी नौकरी होती है और इस फील्ड में आपको शायद वीकैंड (holiday) व देर नाइट तक भी काम करना पड़ सकता है।
(1) नेचर ऑफ वर्क :-
ई. सी.जी तकनीशियन इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम उपकरणों का उपयोग करके इलैक्ट्रोड के माध्यम से, जो शरीर के अलग-अलग हिस्सों से जुड़े होते हैं, मरीज के दिल की विद्युत गतिविधियों (electrical activity) की जानकारी रिकॉर्ड करके रखते हैं। इलैक्ट्रोकार्डियोग्राम तकनीशियन ज्यादा से ज्यादा अस्पतालों, प्रयोगशालाओं या हार्ट रोग विशेषज्ञों के कार्यालयों में कार्य करते हैं।
ये आम तौर पर एक सप्ताह में 40 घंटे काम करे हैं, हालांकि आवश्यकता अनुसार कभी-कभी इन्हें सप्ताह के अंत में भी काम करना पड़ जाता है। इसके अतिरिक्त, ये आपातकालीन समय में भी बुलाए जा सकते हैं। तकनीशियनों को उन रोगियों के साथ, जो दिल की गंभीर स्थिति से गुजर रहे होते हैं, को संभालने के लिए तैयार रहना होगा।
(2) कर्तव्य और उत्तरदायित्व :-
इलैक्ट्रोकार्डियोग्राम तकनीशियनों का कर्तव्य ई.सी.जी. के टैस्ट प्रोसीजर की देख-रेख करना, ई.सी.जी. के रिडिंग्स को रिकॉर्ड करना, तनाव परीक्षणों को पूरा करना, एडमिनिस्टर होल्टर मोनिटरिंग का परिक्षण करना, विशेषज्ञों को ई.सी.जी का टैस्ट डाटा मुहैया करना, ई.सी.जी परीक्षण की प्रक्रियाओं की देख-रेख करना होता है। इसके अलावा यह गैर इनवेसिव उपकरण का प्रयोग करके रोगी की हृदय की गतिविधियों का परीक्षण करते हैं, ई.सी.जी प्रक्रियाओं के माध्यम से रोगी को गाइड करते हैं और प्रयोगशालाओं के उपकरणों की देख-रेख करते हैं।
(3) कोर्स एवं योग्यता :-
इस कोर्स में डिप्लोमा के लिए अभ्यार्थी का किसी भी संकाय या किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं पास होना जरूरी है। कोर्स के दौरान विद्यार्थी को 1 साल में 2 सेमेस्टर के कोर्स को पूरा करना है, जिसमें उन्हें ध्योरी और प्रैक्टिकल दोनों प्रदान किया जाता है। यह कोर्स हार्ट और chest की शरीर रचना विज्ञान और शरीर क्रिया विज्ञान पर अध्ययन कराया जाता है। दिल की विद्युत चालन (Electrical Conduction)प्रणाली और ई.सी.जी. की व्याख्या भी पढ़ाई जाती है।
(4) अवसर :-
डिप्लोमा इन इलैक्ट्रोकार्डियोग्राम टैक्नोलॉजी कोर्स करने के बाद अभ्यार्थी के लिए सरकारी ( गवर्नमेंट) और गैर-सरकारी (नॉन गवर्नमेंट) विभागों में कई अवसर खुल जाते हैं। आपदा स्थिती में सबसे ज्यादा जरूरत मैडिकल सहयोगियों की होती है, जिसमें यही तकनीशियन मैडिकल सुविधाएं प्रदान कराने में काम आते हैं।
यह कोर्स पूरा करने के बाद देश के किसी भी अस्पतालों, चिकित्सक कार्यालयों,प्रयोगशालाओं और क्लीनिकों में इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम तकनीशियन के रूप में नौकरी कर सकते हैं और चाहें तो अपने नजदीकी आस पास के अस्पतालों में इलैक्ट्रोकार्डियोग्राम तकनीशियन के तौर पर भी कार्य कर सकते हैं। इसके अलावा अल्ट्रासाउंड, x-ray और कार्डियोपल्मोनरी में विशेषज्ञ बनने के लिए भी काफी अवसर उपलब्ध हैं।
(5) वेतन :-
इस क्षेत्र में न्यूनतम सैलरी 13 से 20 हजार तक हो सकती है और अनुभव बढ़ने के साथ साथ सैलरी में भी changes होता चला जाता है। सरकारी (Government) या गैर-सरकारी (Non Government) अस्पतालों में ये तकनीशियन अपने अनुभव के बाद अधिकारी पद के लिए भी आवेदन कर सकते हैं, जिसमें न्यूनतम सैलरी 40 से 50 हजार तक होती है।
(6) प्रमुख सस्थान :-
(1) दिल्ली पैरामैडिकल एंड मैनेजमैंट इंस्टीच्यूट, नई दिल्ली
www.dpmiindia.com
(2) इंडियन मैडिकल इंस्टीच्यूट ऑफ नर्सिंग, जालंधर, पंजाब
www.iminursing.in
(3)इंस्टीच्यूट ऑफ एलाइड हैल्थ साइंसिज,कोलकाता
www.iahs.co.in
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