आईए जाने एफिल टॉवर (Eiffel Tower) के फैक्ट्स और हिस्ट्री।
(1) फ्रांस के पेरिस में स्थित एफिल टॉवर जब बनाया गया था तो पहले इसकी ऊंचाई 312.2 मीटर थी। बाद में इसके ऊपर एक एंटीना लगाए। जाने के बाद इसकी ऊंचाई 318.7 मीटर हो गई। टॉवर के शिखर तक पहुंचने के लिए 1665 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं।
(2) किसी साफ दिन इसके शिखर से हर दिशा में 80 किलोमीटर दूर तक देखा जा सकता है। जब पैरिस की गलियों में मौसम बादलों वाला होता है तो इसके शिखर पर आमतौर पर धूप होती है।
(3) एफिल टॉवर का निर्माण लोहे के 18,038 टुकड़ों से हुआ है, जिन्हें 25,00,000 रिवट्स (कील कों) के साथ एक-दूसरे से जोड़ा गया है।
(4) इसका निर्माण 1889 में फ्रांसीसी क्रांति की 100वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित प्रदर्शनी के लिए किया गया था।
(5) गुस्ताव एफिल उस समय के सर्वाधिक सफल इंजीनियर थे, जिन्होंने न केवल एफिल टॉवर, बल्कि न्यूयॉर्क की स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी का भी निर्माण किया।
(6) एफिल टॉवर का डिजाइन मौरिस कोएचलिन तथा एमिल नुगिएर ने बनाया था, जिन्होंने आश्चर्यजनक सटीकता के साथ हवा तथा गुरुत्वाकर्षण के प्रभावों की गणना की।
(7) टॉवर का उद्देश्य यह दिखाना था कि ढले हुए लोहे के साथ क्या किया जा सकता है। निर्माण कार्य के दौरान पैरिस के कलाकारों, जैसे कि कम्पोजर गौनोड तथा कवि मौपासांट ने इसकी बदसूरती के खिलाफ प्रदर्शन किया था। मगर जब यह पूर्ण हुआ, सामान्य लोगों के बीच तुरंत हिट यानी अत्यंत लोकप्रिय हो गया।
(8) एफिल टॉवर बनाने की लागत 10 लाख डालर आई थी। हालांकि केवल पहले वर्ष में ही पर्यटक से वसूली जाने वाली फीस ने इसकी निर्माण लागत की भरपाई कर दी।
(9) जब युद्ध के दौरान पैरिस पर नाजियों का कब्जा हो गया, इसमें लगी लिफ्टों ने रहस्यमयी रूप से काम करना बंद कर दिया था। जिस दिन पैरिस को आजादी मिली फिर से शुरू हो गईं। जिस वर्ष एफिल टॉवर खुला, लगभग 20 लाख लोग इसे देखने पहुंचे।
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