पैर की हड्डियां कमजोर न होने पाएं ।
घर में बैठे रहना और व्यायाम कम करने के कारण हड्डियों से संबंधित समस्याएं पैदा हो जाती हैं । इसके अतिरिक्त हमारी एक आदत यह भी है कि जब तक हमें कोई तकलीफ न हो हम अक्सर अपनी हड्डियों की देखभाल को नजरअंदाज करते हैं जबकि शरीर के बाकी अंगों की सेहत का खास ध्यान रखने के अतिरिक्त प्रयास करते हैं। आमतौर पर 30-35 साल तक हड्डियों की क्षमता बढ़ती है। इस समय जो लोग पौष्टिक आहार लेते हैं उनकी हड्डियों की सेहत अच्छी बनी रहती है। बाकी उम्र में हमें अपनी हड्डियों को सुरक्षित व चलायमान रखने के लिए प्रयास आवश्यक हो जाते हैं इसलिए जरूरी है कि इस समय हम हड्डियों के प्रति संवेदनशील रहें। इससे बचने के लिए विटामिन 'डी' सप्लीमैंट्स और डाइट में कैल्शियम के साथ-साथ रोजाना व्यायाम भी जरूरी है।
अगर आप किन्हीं वजहों से अपनी मांसपेशियों व हड्डियों की सेहत पर ध्यान नहीं दे पा रहे है तो कुछ ऐसे नुस्खे आजमाएं जिससे घर में रह कर भी हड्डियां मजबूत बनी रहें और आप मांसपेशियों के खिंचाव, गर्दन के दर्द व रीढ़ से जुड़ी समस्याओं से बचे रहें । हड्डियों की मजबूती के लिए भोजन में दूध और दूध से बने उत्पाद शामिल करें जिससे कैल्शियम की कमी पूरी होती रहे । छाछ (मट्ठा) में पाया जाने वाला कैल्शियम और विटामिन 'डी' हमारी हड्डियों को मजबूती देने के साथ-साथ शरीर में विटामिन 'डी' का संतुलन भी बनाए रखने में भी सहायक है। इसके अलावा भोजन में हरी सब्जियों को प्राथमिकता दें । इनमें फास्फोरस और पोटैशियम का संतुलन कैल्शियम के साथ मिल कर हड्डियों को सिकुड़ने, खोखला होने और टूटने से बचाता है। ये तीनों ही हड्डियों व सेहत के लिए खास हैं। शरीर को भोजन द्वारा मिलने वाले तत्व सही तरह से शरीर में मिल जाते हैं। इन खनिजों के सेवन से शरीर सेहतमंद रहता है। नमक या कहिए सोडियम हमारे शरीर की जरूरत है। लेकिन इसका आवश्यकता से ज्यादा सेवन किया जाए तो यह हड्डियों को कमजोर करता है। उन्हें गलाने लगता है।
अगर किसी अन्य रोग से ग्रस्त नहीं है तो घर की छत या बालकनी में कम से कम आधा-एक घंटा व्यायाम करें। लिफ्ट के स्थान पर सीढ़ियों से जाएं। प्राकृतिक रूप में सुबह के समय ही सेहत के अनुसार सुरक्षित विटामिन 'डी' मिलता है इसलिए सूर्योदय के समय 20-25 मिनट के लिए छत पर धूप अवश्य सेंकें।
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