एसिडिटी से बचने के उपाय
अगर सीने में जलन और मुंह में खट्टा पानी आ रहा है,साथ ही भोजन ठीक से नहीं पचता, खट्टी डकारें आती हैं, तो ये लक्षण एसिडिटी के हैं। इनसे निपटना बेहद आसान है, बस कुछ बातों का ध्यान रखना होगा।
एसिडिटी रोग नहीं है। यह खराब जीवनशैली का असर है, जिसका समाधान आपके हाथ में ही है। आप अगर अपने खाने में जरा-सा बदलाव कर दें, तो एसिडिटी से बचा जा सकता है। साथ ही यह भी जरूरी है कि आप ताजा और स्वस्थ आहार का सेवन करें । फिर कुछ ही समय में सब ठीक हो जाएगा।
मुख्य लक्षण
(1) सीने और छाती में जलन, सीने में दर्द भी रहता है।
(2) मुंह में खट्टा पानी आना।
(3) भोजन ठीक से नहीं पचता।
(4) इसकी वजह से घबराहट भी हो सकती है।
(5) खट्टी डकारें आती हैं।
(6) गले में जलन-सी महसूस होती है।
जब ऐसी तकलीफ बार-बार होती है तो यह गंभीर समस्या का रूप धारण कर लेती है।
कैसे करें बचाव
(1) अपने खान-पान में लगातार सुधार लाएं।
(2) आजकल समय की कमी की वजह से लोग जल्दी में बिना चबाए खाना निगल जाते हैं। इससे पाचन क्रिया सही ढंग से नहीं हो पाती, इसलिए भोजन हमेशा चबा- चबा कर खाना चाहिए, ताकि वह अच्छी तरह से लार में मिल जाए।
(2) भोजन भूख से थोड़ा कम करना चाहिए।
(3) मिर्च-मसाले और ज्यादा तेल वाले भोजन से बचें।
(4) खाना खाने के बाद टहले
(5) रोजाना 8 से 10 गिलास पानी पीना चाहिए।
(6) समय से भोजन करना चाहिए।
कैसे बढ़ती है एसिडिटी
जो लोग ज्यादा मिर्च मसाले वाला खाना खाते हैं,ज्यादा शराब पीते हैं, उन्हें एसिडिटी की शिकायत ज्यादा होती है। इसके अलावा और भी कई वजहें हैं जिनसे यह बढ़ती है।
(1) ज्यादा घी-तेल और मसाले वाला खाना।
(2) भोजन करने के बाद दिन में सोना।
(3) अधिक समय तक तनावग्रस्त रहना।
(4) देर तक भूखे रहना।
(5) जंक फूड बहुत ज्यादा खाना।
(6) पानी कम पीना।
घरेलू उपचार
आंवला : यह खट्टा होता है, लेकिन एसिडिटी के घरेलू उपचार के रूप में यह बहुत शानदार है। फौरन राहत के लिए 2 चम्मच आंवला जूस या सूखे हुए आंवला पाऊडर के साथ दो चम्मच पिसी हुई मिश्री लें और दोनों को पानी में मिलाकर पी जाएं।
दही : अपने रोजमर्रा के आहार में मट्ठा और दही को जरूर शामिल करें। ताजे खीरे का रायता भी एसिडिटी का बेहतरीन उपचार है।
पानी : खूब पानी पीएं क्योंकि इससे न केवल पाचन में मदद मिलती है बल्कि शरीर से हानिकारक विषैले तत्व भी बाहर निकल जाते हैं।
हरी सब्जियां : खूब सारी हरी पत्तेदार सब्जियां और अंकुरित अनाज खाएं ये विटामिन बी और ई के बेहतरीन स्त्रोत हैं। ये शरीर में एसिडिटी बनने नहीं देते।
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