इन क्षेत्रों में है सबसे ज्यादा 'सैलरी'
आज के दौर में डिजिटली हर काम हो रहा है। ऐसे में इससे जुड़े क्षेत्रों में करियर की सबसे अच्छी सम्भावनाएं हैं। अच्छी नौकरी और अधिक से अधिक वेतन हर कोई चाहता है, इसके लिए अक्सर छात्र तलाश करते हैं कि कौन-सा कोर्स करें और किस क्षेत्र में करियर बनाएं। आपको बता रहे हैं ऐसे कुछ क्षेत्रों के बारे में जहां आप अपना भविष्य बना सकते हैं।
इस डिजिटलीकरण ने बिजनेस के सामने आने वाली नई चुनौतियों से निपटने के लिए विशिष्ट technical skills और Ability के साथ कुशल प्रतिभा की डिमांड है । संगठनों को उभरते क्षेत्रों जैसे डेटा साइंस, डेटा एनालिटिक्स, ए.आई., ब्लॉकचैन, क्लाऊड कम्प्यूटिंग, साइबर सुरक्षा, डिजिटल मार्केटिंग और प्रोडक्ट मैनेजर में विशेषज्ञता वाले पेशेवरों की जरूरत होती है।
- डाटा साइंटिस्ट
कम्पनियां डिजिटल हो रही हैं और बड़ी मात्रा में डेटा का उपयोग कर रही हैं। ऐसे में डेटा साइंटिस्ट सबसे अधिक मांग वाले पेशेवरों में से हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार इनकी मांग में साल दर साल 29% बढ़ौतरी हुई है। डेटा संचालित व्यावसायिक निर्णय लेने में सहायता करने के लिए संगठन सक्रिय रूप से प्रोग्रामिंग, डेटा विजुअलाइजेशन और मशीन लर्निंग कौशल के साथ डेटा वैज्ञानिकों को नौकरियां दे रही हैं।
भारी मांग को देखते हुए डेटा साइंटिस्ट एनालिटिक्स उद्योग के अधिकांश प्रोफेशनल की तुलना में 36% अधिक सैलरी पर विचार कर सकते हैं। आदर्श रूप से, india में एक एंट्री-लैवल डेटा साइंटिस्ट प्रति वर्ष 5-7 लाख, मिड लैवल पर 12-15 लाख और सीनियर स्तर पर 21-25 लाख तक सैलरी पा सकते हैं।
- साइबर सिक्योरिटी स्पैशलिस्ट
व्यापक डिजिटल परिवर्तन के कारण डेटा और डिजिटल डेटा की सुरक्षा आज की बड़ी प्राथमिकता बन गई है। तकनीकी उद्योग ने सभी कम्प्यूटेशनल गतिविधियों को डीकोड और ट्रेस करने के लिए समस्या समाधान, विश्लेषणात्मक और कम्प्यूटर फोरेंसिक कौशल वाले अत्यधिक कुशल साइबर सुरक्षा पेशेवरों की मांग बढ़ती जा रही है।
साइबर सुरक्षा प्रोफैशनल यह सुनिश्चित करते हैं कि व्यक्ति, सरकारें और व्यवसाय सभी प्रकार के साइबर खतरों से बच सकें। इस फील्ड में शुरूआती सैलरी 6 लाख रुपए प्रति वर्ष, मिड लैवल पर 10-12 लाख और सीनियर लेवल पर 30-40 लाख रुपए है।
- क्लाऊड इंजीनियर एंड आर्किटैक्ट
क्लाऊड सभी कार्यों का भविष्य है। क्लाऊड सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स, क्लाऊड आर्कीटेक्ट्स और क्लाऊड इंफ्रास्ट्रक्चर इंजीनियर्स मांग में हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत का सार्वजनिक क्लाऊड सेवा बाजार 2025 तक 10.8 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा।
क्लाऊड कम्प्यूटिंग में डिग्री वाले पेशेवर, प्रोग्रामिंग, डेटाबेस प्रबंधन और लाइनैक्स के कौशल की मार्कीट में मांग बढ़ रही है। इसकी सैलरी की बात करें तो वेतन वृद्धि 60% तक हो सकती है। शुरूआती तौर पर 6-8 लाख रुपए प्रति वर्ष मिड लैवल पर 10-12 लाख रुपए और सीनियर लैवल पर 30 लाख रुपए प्रति वर्ष तक पैकेज मिल जाते हैं।
- प्रोडक्ट मैनेजर
प्रोडक्ट मैनेजर के फील्ड में तकनीकी विशेषज्ञों, प्रबंधन पेशेवरों, संचारकों और सफलता प्रचारकों जैसे पेशेवरों की डिमांड है। इनका काम प्रोडक्ट या सर्विस को लॉन्च करना और आगे बढ़ाना होता है।
हाल के दिनों में सबसे अधिक मांग वाली भूमिकाओं में से एक भारत के प्रोडक्ट मैनेजर का औसत वेतन 17 लाख रुपए प्रति वर्ष है और अनुभव के साथ यह प्रति वर्ष और भी लाखों रुपए बढ़ सकता है।
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