Online marketing में career कैसे बनाए ?

 ऑनलाइन मार्केटिंग में career कैसे बनाए ?

Online marketing

  कोविड-19 महामारी के प्रकोप के चलते विभिन्न राज्यों में सरकारों ने अभी भी लॉकडाऊन लगा रखा है। ऐसे में लोगों का खरीदारी के लिए किसी शोरूम, मॉल या बाजारों तक पहुंचना मुश्किल हो गया है।लोगों के पास अब ऑनलाइन खरीदारी का ही ऑप्शन है और यह ऑप्शन लोगों की सभी तरह की जरूरतों को पूरा भी कर रहा है। ऐसे में करियर के लिहाज से ऑनलाइन मार्केटिंग एक्सपर्ट्स की मांग तेजी से बढ़ रही है। आने वाले दिनों में इसमें और बढ़ने की संभावना लगाई जा रही है। 

  कुछ घंटों में मनपसंद प्रोडक्ट आपके पास पहुंचाने वाली इन साइट्स की संख्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है क्युकी भारत में ही नहीं बल्कि विश्व भर में ऐसी साइट्स और पोर्टल कि संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसे में इस क्षेत्र में स्ट्रैटेजी से लेकर साइट से जुड़े तमाम ऐसे नए करियर उभर कर सामने आए हैं जिनके बारे में कुछ वर्ष पहले तक शायद ही किसी ने सुना होगा।कोरोना महामारी से सबक लेते हुए अब ज्यादातर सरकारी विभाग और सेवाएं भी ऑनलाइन होती जा रही है। खास बात यह भी है कि कोरोना वैक्सीन का टीकाकरण भी ऑनलाइन प्रणाली से ही जुड़ा है, जिसकी वजह से आज करोड़ों लोगों को इस क्षेत्र में रोजगार मिला है।


रोजगार के अवसर

 ऑनलाइन मार्केटिंग की दुनिया बहुत ज्यादा बड़ी है इसीलिए इसमें रोजगार की भी अपार संभावनाएं बनी हुई हैं । भारत में ई- बिजनैस एडवाइजर,डाटाबेस एडमिनीस्ट्रेटर, सप्लाई चेन मैनेजर, बिजनैस एनालिस्ट, प्रोजैक्ट मैनेजर, कस्टमर रिलेशन्स मैनेजर, वैब डिवैल्पर, एडवाइजर, टीम लीडर इनके साथ ही एक अच्छे एंटरप्रिन्योर का भी विकल्प है। ऑनलाइन ट्रेडिंग की वजह से मार्केटिंग,फाइनांस,लॉजिस्टिक्स,ग्राफिक्स के क्षेत्र में नौकरी के नए अवसर उपलब्ध हो रहे हैं।


 

इस फील्ड के कुछ करियर विकल्प

डाटा एनालिस्ट

Data analyst

  ऑनलाइन ट्रेंडिंग करते इन पोर्टल में ऑनलाइन कस्टमर्स की बढ़ती संख्या और बढ़ते दायरे ने देश में data analysis के काम को तेजी से आगे बढ़ाया है। दरअसल डाटा एनालिस्ट कम्पनी के डाटा को सिर्फ सुरक्षित न रखकर उसका उचित तरीके से विश्लेषण भी करते हैं।साथ ही उपभोक्ताओं के डाटा के बारे में संपूर्ण जानकारी रखना, उनसे बेहतर तालमेल बनाए रखने में डाटा एनालिस्ट अहम भूमिका निभाते हैं। ऑनलाइन मार्केट में इनकी काफी डिमांड है। ऑनलाइन सैक्टर में बढ़ते ग्राहकों के प्रति डिमांड की वजह से आने वाले कुछ वर्षों में इसमें और बेहतर मौके मिलेंगे।


लॉजिस्टिक सर्विस

Logistic service

  ऑनलाइन ट्रेंडिग के कारण लॉजिस्टिक्स को काफी तेजी से उभरने का मौका मिला है। इन कम्पनियों के लिए प्रोडक्ट की डिलीवरी भी किसी चुनौती से कम नहीं होती। तमाम ऑनलाइन शॉपिंग कम्पनियां प्रोडक्ट बुकिंग तो ऑनलाइन करती हैं, लेकिन उन प्रोडक्ट्स की सही तरीके से पैकिंग करने से लेकर ग्राहकों तक उनकी सुरक्षित डिलीवरी का सारा दारोमदार लॉजिस्टिक्स के कंधों पर ही होता है।इस सैक्टर में बुकिंग मैनेजर, प्रोडक्ट मैनेजर,कस्टमर केयर एग्जिक्यूटिव, डिलीवरी ब्वॉय जैसे तमाम पदों पर भर्ती काफी तेजी से हो रही है। अब तो कई ऑनलाइन ट्रेडिंग कम्पनियां खुद की लॉजिस्टिक सर्विस भी शुरू कर रही हैं।


एस.एम.ओ. ( सोशल मीडिया ऑप्टिमाइजर )

Social media optimizer

  सोशल मीडिया ऑप्टिमाइजर यानी एस.एम.ओ. का कार्य दुनिया भर में मौजूद सोशल मीडिया साइट्स के जरिए ऑनलाइन मार्केटिंग पोर्टल के लिए ट्रैफिक जुटाना होता है। यानी सोशल मीडिया के जरिए क्लाइंट वैबसाइट के लिए हिट्स बढ़वा कर रैंकिंग में सुधार करना होता है। यह काम निजी तौर पर किया जा सकता है और किसी कम्पनी से जुड़ कर भी।निजी क्षेत्र के तौर पर काम करने से यह फायदा होता है कि आप कई क्लाइंट लेकर अधिक पैसा कमा सकते है। कंपनी से जुड़े तमाम अपडेट्स को दुनिया भर में फैले उनके टारगेट ऑडियंस तक पहुंचाना ही एस.एम.ओ. का काम होता है। इन्हीं के बूते किसी भी पेज के लाइक करने वालों की संख्या लाखों-करोड़ों तक पहुंचती है।


एस.एम.एम ( सोशल मीडिया मैनेजर )

Social media manager

   सोशल मीडिया मैनेजर अपने ब्रांड के क्राइसिस सॉल्यूशन को उचित ढंग से हल करने में मददगार है। यानी कि सोशल मीडिया नेटवर्क मैनेजर का काम कस्टमर और क्लाइंट के बीच बेहतर सम्पर्क स्थापित करना है। ये ऑनलाइन मार्केटिंग साइटस की प्रभावी एवं औपचारिक तरीकों से प्रोमोशन में जुटे रहते हैं। ये टू वे कम्युनिकेशन का काम करता है। अपनी कम्पनी के लिए उचित प्लेटफॉर्म चैनल ढूंढ़ता है, फिर अपने प्रोडक्ट को अच्छी योजना के साथ लोगों के सामने पेश करता है।


पाठ्यक्रम (syllabus)

Syllabus

   इस क्षेत्र में सेल्स, इंवैंट्री मैनेजमैंट, कस्टमर सर्विस व डिस्ट्रब्यूशन जैसे विषयों की पढ़ाई की जाती है।हालांकि विभिन्न संस्थानों के कोर्स के पाठ्यक्रम अलग-अलग हो सकते हैं। इसके अलावा ई-बिजनैस सिक्‍योरिटी, परचेज, कस्टमर सर्विस, लॉजिस्टिक्स,ऑफ्टर सेल सर्विस के कोर्स शामिल हैं। कई संस्थान स्पैशलाइज्ड कोर्स भी करवा रहे हैं। जैसे बी.एस.सी. (ई- बिजनैस), एम.बी.ए. (ई-बिजनैस), एम.बी.ए. (ई-कॉमर्स ), एम.एस.सी. (ई-कॉमर्स), पी.जी. डिप्लोमा इन ई-कॉमर्स आदि हैं।


योग्यता (eligiblity)

  ग्रैजुएट कोर्स के लिए 50 % अंकों के साथ 12वीं उत्तीर्ण होना चाहिए। कोर्स की अवधि तीन साल होती है। वहीँ पोस्ट ग्रैजुएट कोर्स में प्रवेश के लिए ग्रैजुएट डिग्री या नियमों के तहत स्थापित किसी विश्वविद्यालय/ संस्थान/कॉलेज से उसके समकक्ष कोर्स उत्तीर्ण हो। इन कोर्सेज की अवधि दो साल की होती है । एम.बी.ए, ई- कॉमर्स और एम.एस.सी. ई-कॉमर्स कुछ ही संस्थानों में पढ़ाया जाता है। इसके अलावा कुछ संस्थान शॉर्ट टर्म कोर्स भी कराते हैं।


कुछ प्रमुख संस्थान (Top Institute)

Top institution


(1)  वैब ब्रेंस डिजिटल मार्केटिंग इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली

webbrains.com

(2)  सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट , पुणे

www.sibm.edu

(3)  देवी प्रसाद गोयनका मैनेजमैंट कॉलेज, मुंबई

www.dgme.org.in 


 

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