इस गांव में तरबूज के कारण युद्ध हुआ।
क्या आपने कभी सुना है कि कोई युद्ध सिफ एक फल की वजह से हुआ हो? सिर्फ एक तरबूज के लिए दो रियासतों में युद्ध हुआ है जिसमें हजारों सैनिक मारे गए । यह कहानी करीब 375 साल पहले की है। महज एक तरबूज की वजह से हुए इस युद्ध में हजारों लोगों की जानें गई थीं।
इतिहास में इस युद्ध को मतीरे की राड़ (राजस्थानी भाषा ) नाम दिया गया था। राजस्थान के कुछ हिस्सों में तरबूज को मतीरे कहा जाता है। वहीं राड़ का मतलब झगड़ा होता है इसीलिए इसे मतीरे की राड़ नाम मिला।सन् 1644 ईस्वी में राजस्थान के बीकानेर के छोर पर स्थित सीलवा गांव में एक मतीरे की बेल लगी परंतु हालांकि उसका फल नागौर रियासत के गांव जाखणियां में उगा। इस फल को लेकर बीकानेर गांव के लोगों का कहना था कि बेल उनको रियासत में है इसीलिए फल उनका है जबकि नागौर रियासत के लोगों का कहना था कि फल उनके यहां है जिस पर युद्ध छिड़ गया।
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