फर्स्ट ऐड स्पेशलिस्ट ( first aid specialist) में करियर कैसे बनाए ?

फर्स्ट ऐड स्पेशलिस्ट में करियर कैसे बनाए ?

First aid specialist

 किसी दुर्घटना (accident) में घायल (Injured) व्यक्ति को डॉक्टर या अस्पताल से पहले उसकी जान बचाने के लिए जो सहायता दी जाती है उसे प्राथमिक चिकित्सा व फर्स्ट ऐड कहते हैं। उस व्यक्ति की जान बचाने के लिए एक विशेषज्ञ( specialist) उसे प्राथमिक चिकित्सा देता है, जिससे उसे अस्पताल ले जाने तक आराम मिल सके।

  प्राथमिक चिकित्सा करने वाले व्यक्ति को यह जरूर पता होना चाहिए कि एमरजैंसी की स्थिति में उसे क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए क्योंकि गलत प्राथमिक चिकित्सा से उस घायल व्यक्ति की जान जाने का खतरा बना रहता है। इसलिए प्राथमिक चिकित्सा को समस्त स्वास्थ्य सेवाओं की मूलभूत एवं महत्वपूर्ण आवश्यकता के रूप में देखते हुए इस क्षेत्र के लिए प्रोफेशनल डिप्लोमा कोर्स होते हैं जो आपको प्राथमिक चिकित्सा का विशेषज्ञ बनाते हैं। इसके तहत फर्स्ट ऐड से संबंधित शिक्षा, जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्रमों आदि पर खासा जोर देकर पेशेवर तैयार किए जाते हैं।


नेचर ऑफ वर्क :-

First aid specialist

  फर्स्ट ऐड काऊंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉक्टर शबाब आलम के मुताबिक, प्राथमिक चिकित्सा विशेषज्ञ अस्पताल या अस्पताल के बाहर आपातकालीन चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने के लिए प्रशिक्षित होते हैं। प्राथमिक चिकित्सा विशेषज्ञों को आपात स्थितियों में जैसे कोई दुर्घटना का क्षेत्र, या आपदा क्षेत्र में जल्द से जल्द प्रतिक्रिया के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। ये विशेषज्ञ ज्यादातर एम्बुलैंस में ही काम करते हैं क्योंकि आपातकालीन स्थितियों में एम्बुलैंस ही सबसे पहले पहुंचती है और ये विशेषज्ञ इसी स्थिति के लिए प्रशिक्षित किए जाते हैं। एम्बुलैंस और अस्पतालों में सेवाओं के अलावा ये दमकल विभागों और पुलिस विभाग भी काम करते हैं।


कोर्स एवं योग्यता :-

  देश में प्राथमिक चिकित्सा की शिक्षा बेहद जरूरी है इसलिए आत्मनिर्भर भारत के तहत अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय, भोपाल द्वारा छात्रों के लिए एक वर्षीय प्राथमिक विशेषज्ञ (फर्स्ट ऐड स्पैशलिस्ट) डिप्लोमा कोर्स शुरू किया गया है। यह कोर्स छात्रों को फर्स्ट ऐड की बेहतर समझ रखने और अस्पताल या समुदाय में आपात स्थितियों में प्राथमिक चिकित्सा उपचार देने व कौशलविकास का प्रदर्शन करने में योग्य बनाता है।

  प्राथमिक चिकित्सा विशेषज्ञ कोर्स में डिप्लोमा के लिए अभ्यर्थी का किसी भी संकाय व किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं पास होना जरूरी है । ग्रैजुएट छात्र भी इस कोर्स फर्स्ट ऐड स्पेशलिस्ट लिए आवेदन कर इस क्षेत्र में अपना भविष्य/करियर बना सकते हैं।


क्या कहते हैं आंकड़े :-

  मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार विश्व सड़क सांख्यिकी (statistics) 2018 में , विश्व के 199 देशों में सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों की संख्या में भारत पहले स्थान पर था। सडक सुरक्षा विषय पर जारी विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट,वैश्विक स्थिति- 2018 बताती है कि पूरी दुनिया में सड़क हादसों के कारण हर 23 सैकंड में एक व्यक्ति को मौत हो जाती है।

  विश्व में सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वाली कुल मौतों में से 11 प्रतिशत भारत में होती हैं। इस तथ्य का सबसे दुखद पहलू यह है कि दुनिया भर में 13.4 लाख लोग सड़क दुर्घटनाओं में प्राथमिक चिकित्सा न मिल पाने की वजह से अपनी जान गंवा देते हैं इसलिए देश के हर एक सैक्टर में प्राथमिक चिकित्सकों की डिमांड बढ़ रही है, जिसके चलते फर्स्ट ऐड के डिप्लोमा धारक चिकित्सा के क्षेत्र में अपना भविष्य बना सकते हैं।


अवसर :-

First aid specialist

  ऐसे छात्र जो चिकित्सा क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं उन्हें इस पाठ्यक्रम के माध्यम से बेहतर विकल्प प्राप्त हो सकते हैं। इस कोर्स में डिप्लोमा लेने के बाद छात्र सरकारी व गैर सरकारी अस्पताल, क्लिनिक्स, फायर सेफ्टी डिपार्टमैंट,मल्टीनैशनल कम्पनीज, मॉल आदि में बतौर फर्स्ट ऐड स्पैशलिस्ट काम कर सकते हैं। इसके अलावा उत्तीर्ण अभ्यार्थि अपना प्राथमिक उपचार केंद्र भी खोल सकेंगे तथा विधि द्वारा पंजीकृत भी किए जाएंगे।


पारिश्रमिक :-

  इस क्षेत्र में न्यूनतम ( कम से कम) सैलरी 10 से 15 हजार रुपए होती है और तजुर्बे के साथ-साथ सैलरी में भी इजाफा होता जाता है। सरकारी या गैर सरकारी अस्पतालों में यह विशेषज्ञ (स्पेशलिस्ट) अपने अनुभव के बाद सीनियर(वरिष्ठ) पदों के लिए भी आवेदन कर सकते हैं जिसमें न्यूनतम( कम से कम) सैलरी 25 से 30 हजार रुपए तक होती है। इसकें अलावा आप खुद का प्राथमिक चिकित्सा केंद्र ( first aid center) खोल कर भी अच्छा पैसा कमा सकते हैं।


प्रमुख संस्थान :-

(1) Atal Bihari Vajpayee Hindi University , भोपाल, मध्य प्रदेश

www.abvgv.edy.in


(2) फर्स्ट ऐड काउंसिल ऑफ इंडिया, नई दिल्ली

www.faci.ind.in


(3) इंडियन रैडक्रॉस सोसाइटी, नई दिल्ली

www.indianredcross.org


(4) नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग, नोएडा, उत्तर प्रदेश

www.nios.ac.in


 


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