विद्युत (Electricity) की खोज कैसे हुई?
आज हम लोग बिजली के बिना किसी काम के नहीं हैं । यह प्रकृति की ताकत है और ब्रह्मांड की उत्पत्ति के समय से ही मौजूद है। मगर मानव को यह जानने में बहुत समय लग गया कि बिजली का इस्तेमाल चीजों को चलाने में हो सकता है। बिजली ने विश्व के प्रत्येक व्यक्ति की जिंदगी बदल डाली। वर्ष 1600 में एक इंगलिश चिकित्सक विलियम गिलबर्ट के मन में इलैक्ट्रिक शब्द का ख्याल आया। इसे यूनानी शब्द इलैक्ट्रॉन से लिया गया था।
इस शब्द का इस्तेमाल उस बल को पहचानने के लिए किया गया जो विशेष सामग्री या वस्तु खींचता है जब कुछ सामग्रियां एक-दूसरे के खिलाफ रणड़ी जाती हैं। एक आम धारणा है कि बेंजामिन फ्रैंकलिन बिजली को ढूंढने वाले हैं मगर तथ्यों के आधार पर इस बात में शायद पूरी सच्चाई नहीं। फ्रैंकलिन ने 1752 में आसमानी बिजली का पता लगाने के लिए पतंग बनाई। इस प्रयोग ने साबित किया कि आसमानी बिजली और आम बिजली का संबंध है मगर आधुनिक वैज्ञानिकों का मानना है कि यह कहानी तथ्यों पर आधारित नहीं है क्योंकि फ्रैकलिन मारा जाता या फिर बुरी तरह से घायल हो जाता यदि आसमानी बिजली उसे छूती। इटली के चिकित्सक स्टूप एलेजांदो वोल्टा ने 1800 में वोल्टाइक नामक डिवाइस का निर्माण किया।
इसको हम बेहतर तरीके से इलैक्ट्रिक बैटरी के नाम से जानते हैं तथा यह पहली ऐसी डिवाइस थी जिसने बिजली का एक स्थिर करंट पैदा किया। वोल्ट वास्तव में ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने कुछ कैमिकल रिएक्शंस की खोज की जिससे बिजली उत्पादन हो सका।
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