ऑनलाइन शॉपिंग कैसे करे।
इन दिनों हर छोटी-बड़ी चीज के लिए ज्यादातर लोग ऑनलाइन शॉपिंग करना ही पसंद करते हैं। परंतु यदि आप विभिन्न साइट्स पर जाकर देखें तो एक ही चीज के आपको अलग-अलग रेट्स देखने को मिलेंगे, जिससे उस चीज की क्लालिटी को लेकर मन में एक कन्फ्यूजन हो जाता है कि उसे खरीदना चाहिए या नहीं और ऐसे में कई बार अच्छी-खासी डील भी हाथ से निकल जाती है। परंतु यदि आप कुछ चीजों का ध्यान रखें तो जहां से भी सामान सस्ता मिल रहा है, वहां से खरीद लेना चाहिए. क्योंकि सामान की गारंटी तो उसे बनाने वाली कंपनी देती ही है।
सेल बढ़ाने के लिए कम प्रॉफिट :-
इस समय देश में कई शॉपिंग वैब साइट्स चल रही है जिन पर अपना सामान डालने के लिए सैलर्स को रीजस्टर्ड करना होता है, जिसका ये कंपनियां चार्ज लेती हैं। जब सैलर्स किसी चीज की कीमत तय करते हैं, तो वे इस तरह के चार्जेज को भी ध्यान में रखते हैं। सैलर्स चार्ज से लेकर अन्य खर्चों को घटाकर सामान की कीमत तय करते हैं।
हर सैलर का यह खर्च अलग-अलग आता है। जिस कारण रेट में फर्क यह दिखाई देता है। कई बार ई-कॉमर्स कंपनियां सेल्स ऑफर चलाती हैं, जिसमें सैलर्स को बहुत कम फिक्स चार्ज देना होता है। इससे सैलर्स का मुनाफा ज्यादा हो जाता है जिसका फायदा वह ग्राहकों को दे देते हैं। यही कारण है कि अलग-अलग साइट्स पर एक ही चीज के अलग-अलग रेट देखने को मिल जाते हैं।
ऐसे खरीदें सामान :-
यह तो तय है कि खरीदार को जिस वैबसाईट पर कम कीमत में सामान मिलता है, वह वहीं से खरीद लेता है। वैसे सैलर कोई भी सामान नहीं बनाता, सामान तो शॉपिंग कंपनी बनाती है, गारंटी भी कंपनी देती है, इसलिए जहां कम रेट में अच्छा सामान मिलता हो वहीं से उसे खरीद लेना चाहिए। खरीदार को यह भी देखना चाहिए कि उस सामान पर कोई डिलीवरी चार्ज तो नहीं है, जहां डिलीवरी चार्ज न हो वहीं से सामान खरीदना ठीक रहेगा। इसके अलावा सामान उन्हीं वैबसाईट से खरीदना चाहिए, जो एक ही तरह के सामान के लिए पॉपुलर हों या फिर ऐसी वैबसाईट से खरीदना चाहिए, जिनके यहां अच्छी क्लालिटी का सामान मिलता हो।
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