आइए जाने चीनी की शुरुआत कहा हुई और उसका इतिहास क्या है ?
चीनी (शक्कर) जिसे हम अंग्रेजी भाषा में sugar कहते है वैसे तो शक्कर सभी लोग खाते है बहुत ही कम लोग होंगे जिन्हें पता होगा कि चीनी की शुरुआत कैसे हुई तो आज हम आपको बताएंगे कि चीनी का इतिहास क्या है आईए जाने ।
चीनी जो की गन्ने (sugarcane) से बनती है , चीनी की शुरुआत भारत से हुई है पहली बार भारत ने ही दूसरे देशों को चीनी से अवगत कराया। चीनी भारत में उत्पन्न हुई है भारत में यह 400 ईसा पूर्व से है यह चीनी पूरे भारत में लोगो द्वारा इस्तेमाल की जाती थी हालांकि उस समय के दौरान में चीनी की बजाय गन्ने के गुड़ और शक्कर बनाई जाती थी जब 326 ईसा पूर्व में सिकंदर भारत आया तो उन लोगो ने पहली बार गन्ना देखा।सिकंदर के साथ आए एक यूरोपियन ने कहा कि वह यह देख कर हैरान था कि एक ऐसा भी छत्ता है जो बिना मधुमक्खी के शहद पैदा करता है। सन् 500 से 700 के बीच अरब , सीरिया , फिलस्तीन और फ्रांस में भी गन्ने कि खेती शुरू हुई।
आज दुनिया भर के 121 देशों में चीनी बनाई जाती है जिसका वैश्विक उत्पादन सालाना 120 मिलियन टन है इसमें से करीब 70% चीनी का निर्माण गन्ने से होता है जबकि 30% चीनी शुगरबिट ( एक प्रकार का चुकंदर ) से बनती है गन्ने की फसल भारत सहित गर्म मौसम वाले कई देशों में उगाई जाती है।
प्राचीन में गन्ने को केवल चबा कर उसके रस का स्वाद लिया जाता था सबसे पहले ईसा पूर्व 350 में गुप्त वंश के समय में भारतीयों ने गन्ने से शक्कर बनाने कि विधि की खोज की थी शक्कर जैसी चीनी के सर्वप्रथम प्रमाण भारत से ही मिलते है बाद में भारत से चीन जाने वाले बौद्ध भिक्षुओं द्वारा इस विधि के बारे में चीन वासियों को पता चला।गन्ने के रस को शक्कर जैसा रूप देने के बारे में भारतीयों को लगभग 2 हजार वर्ष पूर्व (पहले) पता लग गया था समय के साथ उन्होंने इसमें सुधार करना जारी रखा ।
शुगर के संस्कृत शब्द ' शर्करा ' का अर्थ कंकर अथवा रेत होता है।
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