केरल की स्नेक बोट्स (snake boats)
जब 138 फुट लम्बी स्नेक बोट खामोश पानी को काटती हुई आगे बढ़ती है तो एक अलग ही तरह का सुंदर नजारा मन मोह लेता है। इन नावों को स्नेक बोट इसलिए कहा जाता है क्योंकि ये सांप के आकार जैसी प्रतीत होते है। ये केरल की पारम्परिक युद्ध नौकाएं हैं। स्थानीय लोग इन्हें चुंदन वल्लम के नाम से भी पुकारते है इसका अर्थ को चोंच वाली नाव होता है क्योंकि इनका अगला भाग पानी से 4 फुट ऊपर रहता है और चोंच का आभास कराता है। इनमें 100 नाविक बैठ सकते हैं । इसके अलावा मध्य में छोटे से प्लेटफॉर्म पर गायक और पतवार पकड़ने वाले बैठते हैं। केरल के लोग इस बहुउद्देश्यीय नाव की परम्परा को कायम रखना चाहते थे इसलिए नौका दौड़ का शानदार खेल शुरू हुआ।
सबसे बड़ी नौका दौड़ नेहरू ट्रॉफी बोट रेस के नाम से जानी जाती है। यह 3 घंटे तक चलती है। हजारों की संख्या में लोग इसे देखनेआते हैं। इसके लिए टिकट एडवांस में बिक जाते हैं। स्नेकबोट अपने आकार और संरचना में अद्वितीय है क्योंकि इसका बीच का हिस्सा ही पानी को छूता है।
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