सफलता प्राप्त करने के साधन
सफलता प्राप्ति के ये चार साधन है,विवेक, श्रम अथवा परिश्रम, चरित्रबल एवं व्यावहारिकता। अगर आप इन चारों साधनों पर अमल करते हैं तो निश्चित रूप से सफलता आपके कदम चूमेगी। इसके लिए कुछ जरूरी बाते
(1) सबको बातें ध्यानपूर्वक सुनें किंतु किसी की बातों से भटकें नहीं। खूब सोच-विचार कर ही उन पर समुचित निर्णय लेकर अमल में लाएं।
(2) अगर आपको एक अच्छे मित्र, गुरु एवं ज्ञान की आवश्यकता है तो पुस्तकों से नाता जोड़िए। श्रेष्ठ पुस्तकें पढ़िए। अगर आप पुस्तकें खरीदने में असमर्थ हैं तो पुस्तकालय एवं वाचनालय जाइए।
(3) कभी भी खाली हाथ न बैठे। कोई न कोई रचनात्मक कार्य अवश्य करते रहें । इससे आपका मन बुरे विचारों में नहीं उलझेगा।
(4) कार्य चाहे जो भी हो, छोटा या बड़ा नहीं समझें। प्रत्येक कार्य का अपना अलग-अलग महत्व है। अत: सभी कार्य पूर्ण निष्ठा एवं लग्न से कीजिए।
(5) किसी अच्छी बात अथवा विचार पर मनन करना तो जरूरी है ही, साथ ही उस पर अमल करना भी अत्यंत जरूरी है।
(6) भाग्यवादी मत बनिए। कर्म में विश्वास रखें।
(7) अपने मन में कभी भी नकारात्मक विचार मत लाइए। मस्तिष्क को तनाव रहित बनाने का एकमात्र तरीका सकारात्मक विचार ही है।
(8) मन में आत्मविश्वास का होना भी अत्यंत आवश्यक है। अगर आपके मन में किसी कार्य के प्रति संदेह है तो आप उसमें कभी सफल नहीं हो सकते। इसलिए पूर्ण आत्मविश्वास की नाव पर सवार होकर हर खतरे का सीना छलनी करें।
(9) कितनी भी कठिन परिस्थितियां क्यों न आएं,अपने सद्विचारों को कभी मत छोड़िए क्योंकि सद्विचार ही वे उपाय हैं जो आपको बिना देरी किए कठिनाई से मुक्त करा देंगे।
(10) न तो स्वयं को हीन अथवा दुर्बल समझिए और न ही दूसरों को। हर व्यक्ति किसी न किसी विशेषता से युक्त हो सकता है।
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