वाइस डबिंग 🎙️ में करियर कैसे बनाएं।
आने वाले सालों में भारत हॉलीवुड फिल्मों का सबसे बड़ा बाजार बनकर उभरने की संभावना रखता है। गौरतलब है कि हॉलीवुड में निर्मित फिल्म द जंगल बुक को हिंदी में डब किया गया और उसने भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में सफलता के झंडे गाड़ दिए। यह सिलसिला स्लमडॉग मिलिनेयर से होते हुए अवतार, द डार्क नाइट तक जा पहुंचा। जानकारों का मानना है कि भारतीय दर्शक अपनी परम्परागत संस्कृति से अलग विदेशी समाज और संस्कृति से रूबरू होना चाहते हैं। यही कारण है किभारतीय सिनेमा जगत लगातार प्रयोग स्थली बनता जा रहा है, वर्तमान समय में टैलीविजन तथा फिल्म इंडस्ट्री बहुत तेजी से प्रगति कर रही है।अंग्रेजी भाषा सहित विभिन्न भाषाओं की फिल्में तथा टैलीविजन सीरियल्स हिंदी भाषा में डब किए जा रहे हैं, जिसके चलते डबिंग आर्टिस्टों की देश में भारी मांग है।
रोमांचक है कार्यक्षेत्र
किसी डबिंग के अंतर्गत किसी विजुअल पिक्चर को उसी के अनुरूप आवाज प्रदान की जाती है। वीडियो में कैरेक्टर क्या कहना चाहता है, उसके भाव क्या दर्शा रहे हैं, इसी को ध्यान में रखते हुए किसी अच्छे डबिंग आर्टिस्ट की सहायता से उसे आवाज प्रदान की जाती है। डबिंग वीडियो, फिल्म, रेडियो एवं डॉक्यूमैंट्री, किसी भी चीज की हो सकती है। पोस्ट प्रोडक्शन में आवाज की तरंगों तथा ऑडियो विजुअल सामग्री को कैरेक्टर के हिसाब से फिट किया जाता है। इसे ग्राफिक्स,आर्काइव्स फुटेज आदि द्वारा देखने योग्य बनाया जाता है।
यह सामान्य रूप में होता है और इसे बिना टी.वी. देखे किया जा सकता है। देश में ज्यादातर बड़े टी.वी. सीरियल अथवा फिल्में वास्तविक रूप से हिंदी में ही तैयार की जाती हैं। बाद में उन्हें विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में डब कर दिया जाता है। बहुत बार ऐसा होता है कि शूटिंग के दौरान मूल आवाज उतनी अच्छी नहीं आ पाती, जितनी कि होनी चाहिए। इसके लिए दोबारा स्टूडियो में बुलाकर आवाज डब की जाती है।
डबिंग आर्टिस्ट का अहम रोल
डबिंग करते समय किसी की आवाज को और भी सुरीला बनाया जाता है। इस प्रकिया में डबिंग आर्टिस्ट का उस समय सहारा लिया जाता है, जब या तो कलाकार अस्वस्थ हो या उसकी मृत्यु हो गई हो या उसे भाषा की जानकारी न हो वैसे तो डबिग के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए कोई विशेष मापदंड तय नहीं है, फिर भी यदि 12वीं के बाद विद्यार्थी इस फील्ड में कदम रखते हैं तो कई तकनीकी चीजें उनकी सहायता करती है। डबिंग का कोर्स करने के बाद व्यवहारिक ज्ञान प्रोडक्शन हाऊस या स्टूडियो से ही सीखा जाता है। कई विश्वविद्यालय तथाकॉलेज डबिंग का कोर्स सिखाया करते है। डबिंग में सबसे ज्यादा जरूरी प्रोफेशनल स्किल्स है, जिसके दम पर स्टीम डबिंग की जाती है।
आवाज पर पकड़, उत्साही प्रवृत्ति, शब्दों का सही बोलना, टीम मैनेजमेंट , अपने आंख और कानों को हमेशा खुला रखने की आदत एवं तकनीकी अभिरुचि इस क्षेत्र में बहुत आगे तक ले जाती है। किसी अच्छे संस्थान से डबिंग का कोर्स करने के उपरांत आप डबिंग असिस्टैंट के रूप में करियर की शुरूआत कर सकते हैं। जहां आवाज को तैयार करने, बदलने तथा उसमें कई आवाजों का मिश्रण करने संबंधी कार्य किए जाते हैं।
योग्यता
डबिंग आर्टिस्ट बनने के लिए किसी खास गुण या कला की जरूरत नहीं है। अगर आपकी आवाज में दम है और भाषा शैली मजबूत है तो आप इस फील्ड में एंट्री कर सकते हैं। फिर भी कम से कम 12वीं पास होना जरूरी है। वॉइस आर्टिस्ट या डबिंग आर्टिस्ट के लिए कोई डिप्लोमा या डिग्री कोर्स अभी उपलब्ध नहीं है, लेकिन कुछ इंस्टीचट्युट शॉर्ट टर्म और सर्टीफिकेट कोर्स जरूर करवाते हैं।
0 Comments
If you have any doubt then you can comment us